क्या रामायण और महाभारत काल्पनिक है?

अगर आप भारत में रहते है तो आज भी Unfortunately आपको ऐसे लोग मिल जाएंगे जो कहेंगे की रामायण और महाभारत काल्पनिक घटनाएं है, Mythology है। यह सब कहानियां इसलिए लिखी गई थी ताकि समाज को अच्छा संदेश दिया जाए।

पहले तो हम यह शब्द Mythology को समझते हैं, जो की बहुत गलत प्रयोग होता है। Mythology का रूट वर्ड है Myth, और Myth आता है मिथ्या से, यानी जो सच नहीं है लेकिन, हमारे शास्त्र में इतिहास जो है वह है रामायण और महाभारत। इतिहास का मतलब ही है it so happened यानी यह हुआ था। तो पहले तो यह की रामायण और महाभारत इतिहास है ना की Mythology। दूसरी बात यह की महाभारत और खास करके भगवत गीता 5161 साल पहले 8 नवंबर को कहीं गई थी। इसे हम Scientifically Proof कर सकते है। वैसे तो काफी सारे Researchers और Scholars ने अलग-अलग एरिया से इस पर रिसर्च की है, उदहारण के तौर पर Archaeological ResearchGeological Research, Archaeobotany, Seismological Study, Oceanographic Studies, और बहुत कुछ, लेकिन हम Astronomical Point से ही देखेंगे की यह घटनाएं कितनी Scientific थी और वास्तविक रूप में हुई थी।

इसे समझने के लिए थोड़ा Astronomi समझना पड़ेगा। सब जानते हैं कि हमारी पृथ्वी जो है वह अपनी धुरी पर घूमती है। पृथ्वी सूर्य के आसपास भी घूमती है। पृथ्वी अपनी ही धरी पर 23.5 डिग्री पर झुकी हुए है। हम जो अभी आकाश में ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति देखते हैं, वही स्थिति वापस 25920 साल बाद आएगी। जब महाभारत लिखी गई थी, वेदव्यास जी ने महाभारत लिखी थी तब कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं उस समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के बारे में बहुत ही विवरण में लिखा है। भगवत गीता जब कहीं गई थी, वहां पर जो विवरण मिलता है, अगर वो हम आज के नासा के Planetarium Gold Software में फिड करते हैं तो वह वास्तव में कब हुआ था, किस दिन हुआ था, यह Software हमें बताते हैं।

इन्हीं Software के आधार पर हम यह कह सकते हैं की महाभारत का युद्ध आज से 5161 साल पहले हुआ था। सब जानते हैं कि भगवत गीता कुरुक्षेत्र के युद्ध से पहले कही गई थी तो इसकी एग्जिट डेट है 8 नवंबर जो आज से 5161 साल पहले कही गई थी। ये तो सिर्फ एक Astronomical Evidence है यह साबित करने के लिए की यह घटनाए वास्तव में हुई थी।

SCIENTIFIC EVIDENCES OF BHAGAVAD GITA